मेरी कविताएँ
मुखौटे
छोटी छोटी खुशियों के दीपक से सजता जो हर आँगन मन का पुलकित होती हर स्वांस जो जीवन होता बिना मुखौटो का हल्के हल्के …
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November 08, 2024
उस कुत्ते ने देखो मुझे कितना ज़लील किया क्या किया ऐसा मैंने जो इंसान मुझे बोल दिया? मै तो स्वच्छन्द रहता हूँ खाया जहाँ …
छोटी छोटी खुशियों के दीपक से सजता जो हर आँगन मन का पुलकित होती हर स्वांस जो जीवन होता बिना मुखौटो का हल्के हल्के …