उस कुत्ते ने देखो मुझे
कितना ज़लील किया
क्या किया ऐसा मैंने जो
इंसान मुझे बोल दिया?
मै तो स्वच्छन्द रहता हूँ
खाया जहाँ जो मिल गया
क्या खून से सनी रोटियों को
खाकर खुदको रुग्ण किया?
मै तो उमंग का दोस्त हूँ
हर पल मेरा तो जैसे नया
क्या दूषित करके प्रकृति को
दोष मैंने उपरवाले को दिया?
मै तो चलो गंदा बेशर्म हूँ
सबके सामने 'काम' किया
क्या बंद करके दरवाज़ों को
रिश्तो का मैंने चीर हरण किया?
मै बस उनका मन बहलाता हूँ
लटके चहरो को कभी हँसा दिया
क्या दुनिया से छिपाकर खुद को
आत्महत्या का मैंने सहारा लिया?
