टूटे मन के टुकड़ो को
उड़ती इस धूल में
खोने मत देना
बिखरना मत
तुम्हे आगे है बहुत जाना
प्यारी उन आँखों को
चुभते इन पलो में
गमगीन मत कर देना
उलझना मत
तुम्हे आगे है बहुत जाना
झांकते हुए अस्तित्व को
भावनाओं की आंधी में
ठुकरा मत देना
बहकना मत
तुम्हे आगे है बहुत जाना
अपूर्ण लाचार खुद को
वर्तमान के अँधेरे में
समझ मत लेना
डरना मत
तुम्हे आगे है बहुत जाना
आईने में देख खुदको
इन झूठी परिस्थितियों में
कुरूप न समझ लेना
पलटना मत
तुम्हे आगे है बहुत जाना
नापते हुए अरमानो को
चलते हुए इस जंगल में
"यहां चलते जाना ही उपलब्धि है"
भूलना मत
तुम्हे आगे है बहुत जाना
