उसे भूल जाने की ये सज़ा है
जो भरते रहते हो अहंकार को
धोखे खुद को देते नहीं थकोगे
आत्मघाती है अंधेरा ये जान लो
उसे भूल जाने की ये सज़ा है
जो करता समझ बैठे हो खुद को
दौड़ते वृत्तियों में नहीं थकोगे
आत्मघाती है अंधेरा ये जान लो
उसे भूल जाने की ये सज़ा है
जो जीवित समझ बैठे हो खुद को
काल की मार मरते नहीं थकोगे
आत्मघाती है अंधेरा ये जान लो
उसे भूल जाने की ये सज़ा है
जो समझते कुछ और रहते हो खुदको
रुग्ण और अधूरे न रहोगे पास उसके
स्मरण का दीपक हृदय में जला लो

