स्कूल से बाहर दौड़ते बच्चे
और कुलेल करते हिरण
हीरे सी चमक आँखों में
दोनों के हृदय में उमंग
पास बुलाता आसमान
हवा के झोंके से भरकर
प्राणो में अपने जान
ये बच्चे और हिरण
एक ही चेतना के है किरण
बस हिरण बोझ नहीं उठाएगा
यूं ही अपना अस्तित्व
किराए पर नहीं चढ़ाएगा
किसी भी को अपना समझ
खून रिश्तो का नहीं करवाएगा
न ताश के महलो में रहकर
उन्हें गिरने से है बचाएगा

