सजा दिया है तुम्हारे लिए
उम्मीदो से ये आसमान
उजले से सपने पहनकर
नाचना है भूलकर अंजाम
भर दिया है तुम्हारे लिए
ख्वाबो से लबालब ये जाम
बिखरी साँसों को समेटकर
नाचना है भूलकर अंजाम
महका दिया है तुम्हारे लिए
प्रेम के सुरों से झंकृत ये प्राण
अपनी सोइ आवाज़ ढूंढकर
नाचना है भूलकर अंजाम
ये समा अकेला कर जाएगा
लुट जाएगी जब ये सारी शान
फिर से लेकर मेरा नाम तुम्हे
नाचना पड़ेगा भूलकर अंजाम
