मोह के रंगीन घर में
यादो के कोमल बिस्तर को
खुद से दूर करने की
जहाँ मिलता है ऊर्जा
वर्तमान की बर्फ़ीली ठंड में
निडरता के नंगे पंजो पर
चुनौतियों की बारिश में खेलने की
जहाँ मिलती है ऊर्जा
अहं के अंधकार से तिरोहित
वह शून्य का गर्भ है
जहाँ प्रेम के बीज को
चेतना से सुपोषित होकर
संसार में आलोकित होने की
बाजार में लुटती चेतना को
आत्मसम्मान दिला पाने की
वियोग से व्यथित हृदय को
योग से स्वास्थ्य दिला पाने की
सदा से मिलती रही है ऊर्जा

