कीमत क्या है ऐसे रिश्तो की
जो जुड़े है कल्पनाओ से
दूसरों को दिखाकर खुद को छिपाना
क्या मिलेगा दौड़ते रहने से?
कीमत क्या है ऐसे रिश्तो की
जो जनमते है वासनाओ से
दूसरों को लुभाकर खुद को भुलाना
क्या मिलेगा दौड़ते रहने से?
कीमत क्या है ऐसे रिश्तो की
जो जीवित रहते है बाज़ार से
दूसरों को लूटकर खुद को लुटाना
क्या मिलेगा दौड़ते रहने से?
कीमत यही है ऐसे रिश्तो की
जो खोखले कर जाते है अंदर से
बस बिखरते रहना और दौड़ते जाना
जीवन को जलाना अपने ही हाथों से

