मुखौटे
छोटी छोटी खुशियों के दीपक से सजता जो हर आँगन मन का पुलकित होती हर स्वांस जो जीवन होता बिना मुखौटो का हल्के हल्के …
रात का ये चौथा पहर आँखो से लुटी है नींद पर मौज में सोया शहर बनते उलझते मेरे ख्याल लावारिस से भटकते सवाल कुछ इन चु…
The heart of the star is burning Thru all the lost ages And the bitter pages No reason to not die 'Tis brightest…
उस कुत्ते ने देखो मुझे कितना ज़लील किया क्या किया ऐसा मैंने जो इंसान मुझे बोल दिया? मै तो स्वच्छन्द रहता हूँ खाया जहाँ …
छोटी छोटी खुशियों के दीपक से सजता जो हर आँगन मन का पुलकित होती हर स्वांस जो जीवन होता बिना मुखौटो का हल्के हल्के …